आकांक्षा द्वारा साई अंश प्रस्तुति


|| ॐ साईं राम || 


साईं बाबा के पावन श्री चरणों में मेरा सादर नमस्कार है |  मै साईं बाबा से निवेदन करना चाहती हूँ की मुझे इतनी शक्ति , बुद्धि और साहस दे की मैं आप सभी भक्तों तक अपना सन्देश पहुंचा सकूँ | साईं बाबा के चरित्र का चित्रण करने में भला कौन सक्षम हो सकता है ?
फिर भी आज तक जो श्री साईं बाबा के बारे में सुना है, पढ़ा है और जो कुछ भी मेरे जीवन में हुआ है उन सभी अनुभवों को मैं आप सबसे कहना चाहती हूँ | लिखने में और समझने में, हो सकता है की विचार अलग अलग हो, इसीलिए में लिखने से पहले अपनी हर गलती की माफ़ी मांग लेना चाहती हूँ |

 तो आइये हम सब मिलकर एक बार श्री साईं बाबा की दिल से याद करें और जानें की साईं बाबा ने कैसे अपने भक्तों को श्रद्धा और सबुरी का पाठ पढ़ाया | साई बाबा ने कैसे सभी भक्तों के मन में प्यार , विश्वास, साहस और मानवता का बीजारोपण किया |

ये साईं बाबा के प्रति प्यार ही तो है, जिसने मुझे आज लिखने को प्रेरित किया है | बाबा मैं आप से दिल से निवेदन करती हूँ कि आपका जो भी भक्त इसे पढ़े उस पर आप अपनी कृपा करना | उसका कल्याण करना |

श्री साईँ चरित्र साई भक्तों के लिए गीता और रामायण की तरह पावन है, ये वो ग्रन्थ है जिस से हमें जीवन जीने की सच्ची प्रेरणा मिलती है |
  • हम (मनुष्य) इस लोक (मृत्यु लोक) से कैसे मुक्ति पा सकते हैं ? 
  • हमारा लक्ष्य क्या है ?
  • हमे कैसे जीवन जीना चाहिए ?
  • खुद को मोह माया से कैसे दूर रखें ? आदि
सभी प्रश्नो का उत्तर हमे बाबा के उपदेशों से और उनकी बताई सच्ची और मीठी वाणी से मिल सकते हैं | 

श्री साई चरित्र का अध्ययन करने से सत्यता , पानवता , विश्वास और भक्ति की प्रेरणा मिलती है | इस से जीवन में परम शांति और संतोष का अनुभव होता है |

इस महा ग्रन्थ की तुलना किसी अन्य ग्रन्थ से नहीं की जा सकती क्यूंकि इस ग्रन्थ को लिखने का विचार बाबा के जीवन काल में बाबा के आशीर्वाद से ही "हेमाडपंत" के मन में आया और उन्होंने  बाबा का आशीर्वाद पाकर लिखने का कार्य प्रारम्भ किया |

तो अंत में मै बस इतना कहना चाहती हूँ की  जो भक्त साई चरित्र का सच्चे दिल से पठन पाठन  करते हैं उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं | ऐसे  व्यक्ति को जीवन में सन्तुष्टी का अनुभव होता है | बाबा सभी का कल्याण करते हैं , सभी पर प्रसन्न होते हैं तो उन्हें नमस्कार करते हुए मै अपना कार्य प्रारम्भ करती हूँ | 


अनंत कोटि ब्रह्माण्डनायक राजाधिराज योगिराज परमब्रम्ह श्री सच्चिदानंद सद्गुरु साईं नाथ महाराज की जय | 

--- आकांक्षा 














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